गलतफैमी को पाला जाता है।


ये तुम्हारा नजरअंदाज करना भी इस अंदाज से होता है,

के तुम्हें हमसे इश्क है इस गलतफैमी को पाला जाता है।


नाज़ुक एहसास हमारे तुम क्यों समझते नही,

हमारे ही जज्बातों के साथ क्यों खेला जाता है।


मोहब्बत का जुनून सवार है हमारे सर पर,

और हमे ही बड़े अनोखे अंदाज से टाला जाता है।


समय रहते अगर नहीं रोक लिया फिर,

वो भी वापस न आने के लिए चला जाता है।


अगस्त २७, २०२३

समय: रात ११:३३ मिनट 

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