शेरोशायरी २.०
#१#
मैं तो गुम था उसके खयालों में
मुझे कौन उठा कर लाया याद नहीं ।
खुशी और गम की किश्त अदा की
कितनी किश्त और बाकी याद नहीं ।
तुम बस दोष देते रहना जमाने को
मैंने जाम पीया या जहर याद नहीं ।
#२#
नज़रों को आंसुओ की कमी नहीं होती
फूलों को बहारों की कमी नहीं होती
वो क्यूँ इस गरीब को याद करेंगे
वो तो आसमा हैं और आसमा को
सितारों की कभी कमी नहीं होती
#३#
कभी लिखते हैं, कभी मिटाते हैं
ना जाने किन जज़्बातों को छिपाते हैं
आंखों से भी मुलाकात नहीं मुमकिन
वो नजरें उठाते हैं, तो हम झुकाते हैं...!!
#४#
कहां हो चले आओ मेरी मोहब्बत का तकाजा है
तेरी जुदाई के सदमे में मेरे दिल का उठा जनाजा है।
#५#
आज फिर एक शब चरागो ने रोशन कर दी।
आज फिर दिल की गली एक जुगनू ने भर दी।
#६#
शब के अंधेरे में तुम बस इतना याद रखना
चराग रोशन हो या ना हो तुम बस मेरा हाथ थामे रखना।
#७#
जश्न चल रहा हैं मेरी बरबादी के दौर का,
आओ लुत्फ उठाओ मेरी दर्दभरी शायरी का।
#८#
एक झलक दिखी उसकी रात ख्वाब में
तब से होश में ना हमारे ठिकाने थे
चेहरा धुंधला सा था और सुनहरे झुमके थे
बादल ने कानों में चांद के टुकड़े पहने थे
#९#
के गुजर गया वो वक्त जब तेरी हसरत थी मुझे,
अब गर तू सामने से बतियाए तो भी मैं ना सुन पाऊं।
एक दौर था जब लाखों सजदे किए थे तेरे वास्ते,
अब गर तू खुदा बन जाए तो मैं नास्तिक बन जाऊं।
- अनाहूत
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