उम्मीद

उम्मीद 

मैं तूफ़ाँ-से लड़कर भी सीधा खडा
हर संकट से, मैं हूँ आगे बढ़ा

मैं हूँ खेत खलिहानों मे पला बढ़ा
उम्मीदों के पर्बत औ शिखर चढ़ा

ढूंढ रहा बस एक साथी जो कहें
तू फ़िकर ना कर मैं तेरे साथ खडा

जिसे हो यारों की फ़िक्र खुद से ज्यादा 
जो ना सोचे कभी कि मैं या तू बड़ा

फिर भी सोच हमारी उन्नत थी जो, 
तो इक साथी आ कर हम से जुड़ा 

सामाजिक दूरी ने सबक सिखाया,
हमने उन्नती का मार्ग अपनाया सदा 

इस चीनी ने विश्व को बहुत छला 
भर गया है उसके पापों का घडा 

हम मिलजुलकर यदि यत्न करेंगे, 
लगेगा विषमय रहस्य का पूर्ण छड़ा


-अनाहूत 

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